भारतीय नौसेना को मजबूत बनाने के प्रयास में एक और उपलब्धि हाथ लग गई है जिसे देखकर पाकिस्तान और चीन का चिंता करना लाज़मी हो गया है। जी हाँ हम बात कर है 'रोमियो' की। अमेरिका का मल्टी-रोल एमएच-60 ‘रोमियो’ सीहॉक एक प्रकार का हेलीकॉप्‍टर है। जो की अब भारतीय नौसेना के खेमे में भी दिखाई देगा। इसे हासिल करने के लिए भारत लगभग एक दशक से इसका इंतजार कर रहा था और अब अमेरिका ने इसकी अनुमति प्रदान कर दी है। जिसकी जानकारी अमेरिकी विदेश विभाग से मिली है।

बता दे की मंगलवार को ट्रंप प्रशासन ने सूचना दी हैै कि अमेरिका द्वारा भारत को बहुउद्देशीय हेलीकॉप्‍टर की ब्रिकी हेतु अनुमति दे दी है। इसकी अनुमति मिलने से अब भारतीय रक्षा बलों की सतह रोधी और पनड़ुब्‍बी रोधी मिशन की क्षमता बढ़ेगी। रक्षा उद्योग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक इसकी कीमत 200 करोड़ डॉलर अर्थात लगभग 14,400 करोड़ रुपये तक होगी।

अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि ऐसा होने से भारत-अमेरिका के संबंधों को एक नई दिशा मिल सकेगी साथ ही दोनों देशों के संबंध इससे और मजबूत हो सकेंगे।

बता दें की भारतीय नौसेना इसके लिए एक दशक से मांग कर रही थी। परन्तु इस विषय में तेजी तब आयी जब गत वर्ष अमेरिकी उपराष्‍ट्रपति माइक पेंस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मध्य सिंगापुर में बैठक हुई।

चलिए आपको इसकी खूबियों से भी अवगत करा देते है की क्यों इसे भारतीय नौसेना में शामिल किया गया है।

रोमियों को युद्धपोत, जहाज, विमान वाहक पोत आदि से भी आसानी से ऑपरेट कर सकते है। यह अमेरिका का सबसे एडवांस एंटी सबमरीन हेलीकॉप्‍टर है। इसका निशाना पनडुब्बियों पर अचूक है। रोमियों दुनिया के सबसे उन्नत समुद्री हेलीकॉप्टरों में से एक है। चीन के हिंद महासागर क्षेत्र में चल रहे रवैये को देखते हुए इसे भारतीय नेवी में शामिल करना आवश्यक था। इस हेलीकॉप्टर की क्षमता और डिजाइन भारतीय सशस्‍त्र बलों के अनुरूप बनाई गई है।