सांसद आजम खान हमेशा से ही विवादित बयानों के कारण चर्चा में रहे हैं और अब वे एक और कानूनी समस्या के कारण चर्चा में आ रहे है। उन पर पहले से दर्जनों केस चल रहे है। जिससे वो परेशान है अब उनकी परेशानी और बढ़ गई है उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट ने झटका दे दिया है। उनके छोटे बेटे अब्दुल्ला की विधायकी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विधानसभा चुनाव में गलत जानकारी देने के आरोप में रद्द कर दिया है। उन पर अपने जन्म के फर्जी दस्तावेज़ देने का आरोप लगाया गया है।
2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा की लहर थी तब अब्दुल्ला ने पहली बार रामपुर की स्वार सीट से चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में आजम खान और अब्दुल्ला दोनों ने चुनाव लड़ा था और दोनों अपनी अपनी सीट से जीत दर्ज करने में कामयाब हुए थे। अब्दुल्ला ने भाजपा उम्मीदवार लक्ष्मी सैनी को 50 हजार से ज्यादा मतों हराया था। वही बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार नवाब काजिम अली तीसरे नंबर पर थे।
बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार नवाब काजिम अली ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसमे उन्होंने अब्दुल्ला पर आरोप लगाया था कि चुनाव के समय अब्दुल्ला 25 वर्ष के नहीं थे। इस पर न्यायालय ने अपनी कार्यवाही पूरी करके फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस फैसले को आज केसरवानी की बेंच ने सुनाया है।
इस मामले में भाजपा नेता ने भी शिकायत दर्ज करवाई थी। आकाश सक्सेना ने भाजपा को जानकारी दी थी जिसके कारण भाजपा ने आजम खान के पूरे परिवार के खिलाफ केस दर्ज करवाया था। जानकारी के अनुसार अब्दुल्ला ने दो जन्म प्रमाण पत्र जारी करवाया था। एक 28 जून, 2012 को रामपुर नगरपालिका परिषद से जारी करवाया था। इसे आजम खां और डॉ. तजीन फातिमा के शपथ पत्र के आधार पर जारी किया गया है। वही दूसरा जन्म प्रमाण पत्र 21 जनवरी, 2015 को लखनऊ नगर निगम से बनवाया गया है। इसे क्वीन मेरी अस्पताल के डुप्लीकेट जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर जारी किया गया है। इस प्रमाण पत्र में अब्दुल्ला का जन्मस्थान लखनऊ है तो पहले वाले जन्म प्रमाण पत्र में जन्मस्थान रामपुर बताया गया है।