“बेटी बचाओ... #चॉकलेट समझ कर कहीं निगल ना ले।” आम आदमी पार्टी की नेता अलका लाम्बा द्वारा ये ट्वीट भाजपा नेताओं पर तंज कसते हुए किया गया है। आपको बता दे की जब से बीजेपी के नेता कैलाश विजयवर्गीय द्वारा चॉकलेट फेस को लेकर बात कही गयी है तभी से उनके इस बयान ने तूल पकड़ लिया है और इसी का जवाब देने में अलका लाम्बा ने ये बेहूदा ट्वीट कर दिया है।

आइये आपको बताते है ये पूरा मामला क्या है – दरअसल लोकसभा चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस पार्टी ने प्रियंका को महासचिव बनाकर राजनीति में सक्रिय करने का फैसला लिया । कांग्रेस के इस फैसले ने जनता के साथ अन्य पार्टी को भी चौंका दिया है । कांग्रेस के इस फैसले पर बीजेपी के कैलाश विजयवर्गीय द्वारा कहा गया की कांग्रेस के पास कोई चेहरा नहीं है पार्टी के पास आत्मविश्वास नहीं है इसीलिए वो चॉकलेटी चेहरा लेकर आए है । भाजपा महासचिव ने कहा कि अगर कांग्रेस में राहुल के नेतृत्व के प्रति आत्मविश्वास होता, तो प्रियंका को सक्रिय राजनीति में नहीं लाया जाता । हालांकि मामले को गंभीर होता देख विजयवर्गीय ने अपने इस बयान में स्पष्टीकरण भी दे दिया है उन्होंने कहा की मैंने चॉकलेटी शब्द का इस्तेमाल बॉलीवुड अभिनेता और अभिनेत्रियों के लिए किया है और किसी नेता को इससे ना जोड़ा जाये।

उन्होंने मीडिया को बताया की वे भोपाल और इंदौर लोकसभा सीट से करीना और सलमान को चुनावी मैदान में उतारने की कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मांग को लेकर किये गये प्रश्न के जवाब में उन्होंने यह कहा था कि अगले लोकसभा चुनाव के मैदान में उतारने के लिये कांग्रेस के पास मजबूत नेता नहीं है इसलिय वे ऐसे चॉकलेटी चेहरों के माध्यम से चुनाव लड़ना चाहती है।

बहरहाल अगर अलका लाम्बा के ट्वीट की बात की जाये तो हाल ही में अभिनेत्री ईशा कोप्पिकर को भाजपा की सदस्यता दिलाई गयी है । इसे लेकर एक ट्वीट में ईशा के साथ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की भी तस्वीर सोशल मीडिया पर आई थी। इसी तस्वीर को रीट्वीट करके अलका लाम्बा ने लिखा है - “बेटी बचाओ ... #चॉकलेट समझ कर कहीं निगल ना लें ।” जाहिर सी बात है अलका लांबा का ट्वीट विजयवर्गीय के उसी बयान की प्रतिक्रिया है । अलका लाम्बा ने अपने इस ट्वीट में यह भी लिखा है की अगर मैंने महिलाओं को ऐसे बीजेपी नेताओं से सावधान रहने की सलाह यह कहते हुए दे दी कि ध्यान रखना कहीं चॉकलेट समझ कर निगल ना जाएं, तो इस बात पर संघी पत्रकारों को बहुत मिर्ची लग गई।

चाहे बात जो भी पर किसी और की बात पर किसी दूसरे व्यक्ति को आड़े हाथ ले लेना ये कौन सी बात हुई! जहाँ तक बात नितिन गडकरी की है तो वे तो इस चॉकलेट वाले बयान में कहीं शामिल नहीं रहे फिर भी अलका लाम्बा द्वारा उनके ट्वीट पर रिट्वीट करना ये तो गडकरी को जज करना हो गया । इसका मतलब तो ये है की अलका लाम्बा मानती है की अगर पार्टी में कोई एक व्यक्ति कुछ भी बयान देता हो तो उसके लिए पूरी पार्टी को ही दोषी माना जाये? ऐसा होता तो राशन कार्ड बनाने के लिए मशहूर हुए उनके पार्टी के नेता संदीप की वजह से पूरे आम आदमी पार्टी पर आक्षेप लगा दिया जाना चाहिए था।