हलाला इस्लाम धर्म के अंतर्गत आने वाली ऐसी कुप्रथा है जो महिलाओं के अस्तित्व पर ही प्रश्नचिन्ह लगा देती है। यह रस्म उन महिलाओं के लिए होती है जो तीन तलाक के बाद पुनः अपने पहले पति से निकाह करना चाहती है। ऐसा करने से पहले उन्हें इसी हलाला की कुप्रथा का सामना करना पड़ता है। ऐसे में वो तलाक़शुदा महिला तब तक अपने शौहर से पुनः निकाह नहीं कर सकती जब तक वो किसी अन्य व्यक्ति से साथ शादी करके एक रात संग में नहीं गुजारी हो। एक रात गुजारने के बाद अगले दिन सुबह उसे वापस तलाक देना ही हलाला कहलाता है।

बता दें की हाल ही में उत्तर प्रदेश के बरेली में इसी तीन तलाक और हलाला की एक घटना सामने आयी है। इसके अंतर्गत एक मुस्लिम महिला ने कोर्ट के सामने अपनी अर्जी लगाते हुआ कहा की, पहले मेरे शौहर ने मुझे तलाक दिया और फिर निकाह करने के ससुर से हलाला करवाया। बाद में फिर उसने तलाक दिया और अब वो मुझे फिर से देवर के साथ हलाला करने के लिए बोल रहा है।

आइये जानते पूरा मामला क्या है? यूपी के बरेली स्थित बानखाना निवासी एक महिला की शादी गढ़ी-चौकी के वसीम से 2009 में हुई थी। महिला ने बताया की वसीम ने शादी के दो साल बाद उसे तीन तलाक दे दिया। फिर काफी मिन्नतों के बाद वसीम ने दोबारा तलाक़शुदा पत्नी को साथ में रखने के लिए अपने ही पिता के साथ निकाह कराकर हलाला करा दिया। 10 दिनों तक लगातर उसके ससुर ने उसके साथ बलात्कार किया ताकि वसीम उससे फिर निकाह कर सके। इसके बाद ससुर ने तलाक दिया और वसीम ने फिर दोबारा शादी कर ली। लेकिन शादी के बाद भी वसीम उस पर जुल्म करता रहा और उसने साल 2017 में फिर उसे तलाक दे दिया। इस दूसरे तलाक़ के बाद एक बार फिर वसीम ने अपनी पत्नी को वापस लाने का मन बनाया और उसने उसके सामने एक और शर्मनाक शर्त रख दी। उसने कहा की उसे उसके देवर के साथ हलाला करना होगा तभी वो शादी करेगा।

इस शर्त के लिए महिला ने मना कर दिया। अब वह अपनी बहन के साथ रह रही है। पीड़िता ने यह भी बताया की उसे 15 लाख रुपये दे कर मामला खत्म करने की बात कही थी। लेकिन पीड़िता ने मना कर दिया और अब वो सिर्फ इन्साफ़ चाहती है। महिला ने कहा वो यह नहीं चाहती की दूसरी महिलाएं भी उसी दर्द से गुजरे जिससे वो खुद गुजरी है।