14 फरवरी 2019 का दिन भारत के लिया एक काला दिन साबित हुआ क्योंकि इस दिन जम्मू कश्मीर में दर्दनाक घटना घटी जिसमे हमारे देश के कई वीर सपूत शहीद हो गए । जम्मू कश्मीर के पुलवामा में कल पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर हमला बोल दिया। कहा जा रहा है की यह साल 2016 में हुए उरी हमले के बाद सबसे खतरनाक हमलो में से एक है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पता चला है की यह हमला आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद के द्वारा रची हुई साज़िश है।

यह घटना उस वक्त की है, जब 78 वाहनों के काफिले में 2,547 सीआरपीएफ जवान जम्मू के ट्रांजिट शिविर से श्रीनगर की ओर जा रहे थे।एक रिपोर्ट में बताया गया की दोपहर के बाद करीब 3 बजे हमलावर ने अपनी कार से जवानो की बस को टक्कर मार दी जिसके कारण भयानक विस्फोट हुआ। इस बिस्फोट के कारण कई सीआरपीएफ जवान घटना स्थल पर ही मर गए। कहा जा रहा है की जिस कार ने बस को टक्कर मारी उसे जैश-ए-मोहम्मद का एक आतंकवादी द्वारा ड्राइव किया जा रहा था जिसका नाम आदिल अहमद डार है।

पुलिस का कहना है की जिस कार में आदिल अहमद डार था उसमें करीब 350 किलो बारूद थी। इसी कार ने जाकर सीआरपीएफ के बस में टक्कर मारी, जिसमें करीब 44 जवान शहीद हो गए। जैश-ए-मोहम्मद इस हादसे जिम्मेदारी लेते हुए आतंकवादी आदिल अहमद डार की एक फोटो जारी की जिसमें आदिल Ak 47 राइफल लिया खड़ा था। बताया जा रहा है कि उरी अटैक जिसमें 19 जवान शहीद हुए थे के बाद यह सबसे बड़ा हमला है।

बता दे आदिल अहमद दार का घर पुलवामा में ही था। आदिल 22 साल का था, 12 कक्षा के बाद उसने स्कूल छोड़कर आतंकवादी बनने के लिए आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ गया। एक बार पहले ही आदिल को जवानों ने घेर लिया था लेकिन वो जैसे तैसे वहां से भाग निकला था।