नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बारे में बहुत से लोगो ने जानने की कोशिश की। कई लोगो के मन में ये सवाल भी थे कि क्या गुमनामी बाबा नेताजी सुभाष चंद्र बोस ही थे? लेकिन इसका सही जबाब किसी के पास भी नहीं था।

बता दे की एक नई किताब में इस बात का दावा किया गया है कि गुमनामी बाबा ही सुभाष चंद्र बोस थे। वह कई सालों तक अपनी पहचान को छुपाकर हमारे बीच में ही उपस्थित रहे। इसमें इस बात का भी दावा किया गया है कि सुभाष चंद्र बोस और गुमनामी बाबा की हैंडराइटिंग सामान थी।  इसकी जांच अमेरिका के एक हैंडराइटिंग एक्‍सपर्ट ने की और उसने पाया कि ये दोनों हैंडराइटिंग एक ही शख्‍स की है।

बता दे कि इस हैंडराइटिंग एक्‍सपर्ट कार्ल बैग्‍गेट को 40 साल का दस्‍तावेजों की जांच करने का अनुभव है। दस्तावेजों को जांचने के करीब 5000 मामलों में उनकी सहायता ली गयी है। उनको अब इतना अनुभव हो गया है कि वह पहली नजर में ही हैंडराइटिंग की जांच कर लेते हैं। उनकी जाँच ने यह साबित कर दिया है की गुमनामी बाबा ही नेताजी सुभाष चंद्र बोस थे।

कार्ल को किताब ‘कमनड्रम: सुभाष चंद्र बोसेज़ लाइफ आफ्टर डेथ’ से संबंधित दस्‍तावेजों के दो सेट दिए गए। जिनके आधार पर उन्होंने यह पुष्टि की है।

जानकारी दे दें कि कई साल पहले भी इस बात की पुष्टि की गयी थी। गुनमामी बाबा की जब मृत्‍यु हुई तो उसके बाद उनका सामान देखा गया। जिसमे ठीक उसी तरह का चश्मे का फ्रेम मिला जिस तरह का नेताजी पहनते थे इसके अलावा एक रोलेक्स घडी मिली जो की नेताजी अपनी जेब में रखते थे। इतना ही नहीं कुछ खत भी मिले, जो कि नेताजी के परिवार वालो ने लिखे थे। उनके परिवार की फोटो भी मिली। इसके अतिरिक्त भी ऐसी कई चीजे मिली जो की नेताजी से जुड़ी हुई थी।