राजनैतिक दल वीर सावरकर को भारत रत्न दिए जाने के नाम पर एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं ऐसे में सावरकर के पोते रंजीत सावरकर का एक बयान आया है। जहाँ उन्होने इंदिरा गांधी को सावरकर का अनुयायी बताया है। उनके द्वारा दिए गए इस बयान को अहम इसलिए माना जा रहा है क्योंकि कुछ दिनों पहले ही सोनिया और राहुल पर रंजीत सावरकर ने मुंबई की एक अदालत में मानहानि का केस किया था।
अपने बयान में उन्होने कहा है, 'इंदिरा गांधी वीर सावरकर का सम्मान करती थीं, मुझे दृढ़ विश्वास है कि इंदिरा गांधी सावरकर की अनुयायी थीं क्योंकि उन्होंने पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था, सेना को मजबूत बनाया, विदेशी संबंध मजबूत किए और परमाणु परीक्षण भी किया। यह सब नेहरू और गांधी की विचारधारा के खिलाफ था।'
रंजीत सावरकर ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी को भी नसीहत दे दी और कहा, 'ओवैसी को सावरकर के इस सिद्धांत का पालन करना चाहिए कि मजहब को अपने घर में रखें, जब घर से बाहर निकलते हैं तो आप न हिंदू हैं और न मुसलमान बल्कि भारतीय हैं। सावरकर उम्मीद करते थे कि जो लोग संसद में आएं वे जाति, धर्म और लिंग भेद बाहर ही रखकर आएं। आपको सावरकर से ज्यादा सेकुलर कोई नहीं मिलेगा'
मुंबई की एक अदालत ने सितंबर में वीर सावरकर को कथित रूप से ‘राष्ट्रद्रोही’ कहने के लिए कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पार्टी के खिलाफ मानहानि की शिकायत की जांच के आदेश दिए थे। भोइवाड़ा की अदालत में सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने इस संबंध में एक शिकायत की थी।