आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू दिल्ली में एक दिन के धरने पर बैठे थे इस धरने का नाम ‘धर्म पोरत दीक्षा’ रखा गया था। सोमवार 11 फरवरी को हुए इस धरने में चंद्रबाबू नायडू केंन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 2014 के तहत केंद्र द्वारा किए गए वादों को पूरा करने की मांग को लेकर दिल्ली में एक दिन की भूख हड़ताल पर बैठे।

चंद्रबाबू नायडू के इस धरने को समर्थन देने के लिए महागठबंधन के कई नेता धरनास्थल पर पहुंचे। राहुल गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव और शरद पवार आदि कई दिग्गज नेता नायडू के इस धरने को समर्थन देने के लिए पहुंचे।

आपको बता दे नायडू ने अपने इस सिर्फ़ 1 दिन के धरने के लिए सरकारी ख़जाने से 11.2 करोड़ की भारी भरकम रक़म खर्च कर दी। इसके अतिरिक्त भी चंद्रबाबू नायडू ने इस धरने के लिए सरकारी पैसे को पानी की तरह बहाया। लोगो के लिए होटलों में रहने की व्यवस्था पर भी नायडू ने सरकारी पैसों का पूरी तरह उपयोग किया।

आंध्र प्रदेश की विपक्षी पार्टियों ने चंद्रबाबू नायडू के इस महंगे धरने पर निशाना साधते हुए कहा है की “यह संविधान का उल्लंघन है क्योंकि यह लोगों का पैसा है। ‘दीक्षा’ के लिए धन राजकोष से आ रहा है, वह ऐसा कैसे कर सकता है?”

चंद्रबाबू नायडू ने अपने 1-दिवसीय विरोध के लिए 10 Cr जनता का पैसा लिया है। आंध्र प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी YSR कॉन्ग्रेस ने नायडू पर जनता के पैसों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। करोड़ों की भारी रक़म लुटाई। नायडू को समर्थन देने के लिए आंध्र प्रदेश से भारी संख्या में पहुंचे समर्थक। धरने के लिए अतिथियों को आंध्र से दिल्ली ले जाने के लिए श्रीकाकुलम और अनंतपुर से दो ट्रेनें बुक की गईं थीं इन ट्रेनों पर सरकार ने कुल 1.12 करोड़ ख़र्च किए।