कई यूरोपीय देश जनसंख्या के घटते स्तर से परेशान हैं। इन्हीं देशों में एक है हंगरी जिसके प्रधानमंत्री विक्टोर ओर्बेन ने अब अपने देश की जनसंख्या बढ़ाने के लिए देश की सभी महिलाओं से यह वादा किया है कि जिन महिलाओं के चार या फिर चार से अधिक बच्चे हो जाएंगे उन महिलाओं को फिर कभी भी इनकम टैक्स नहीं लगेगा। दरअसल हंगरी सरकार यह कदम इस उद्देश्य से उठा रही है ताकि वो अपने देश की जनसंख्या बढ़ा सके जो फिलहाल 32 हज़ार सालाना की रफ़्तार से घट रही है।

प्रधानमंत्री ओर्बेन एक दक्षिणपंथी राजनेता हैं और वे पिछले कई वर्षों से प्रवासियों के विरोध में भी बोलते रहे हैं। उनके अनुसार प्रवासी मुस्लिमों को अपने देश में लाकर आबादी बढ़ाने के बजाय हंगेरियन परिवारों का अधिक बच्चे पैदा करना बेहतर स्थिति होगी। ओर्बेन ने कहा, "वे चाहते हैं कि यहां की आबादी बढे लेकिन हम हंगरी के लोगों की सोच अलग है। हमें नंबर नहीं, हंगेरियन चिल्डर्न चाहिए। हमारे लिए माइग्रेशन सरेंडर जैसा है।" प्रवासियों के प्रति विरोधी छवि रखने वाले विक्टोर ओर्बेन फिडेज की पार्टी ने बीते साल लगातार तीसरी चुनावी जीत हासिल की है। इससे पता चलता है की हंगरी की जनता का मूड भी उनके पक्ष में है।

बहरहाल जब हंगरी के पीएम जनसंख्यां पर इस तरह की बातें बता रहे थे तब राजधानी बुडापेस्ट में कुछ हलकों में इन नीतियों के ख़िलाफ़ विरोध भी देखने को मिल रहा था। इस दौरान पीएम ऑफिस के आगे काम से कम दो हज़ार प्रदर्शनकारी इस आदेश को वापस लिए जाने की मांग कर रहे थे और साथ ही राजधानी के दूसरे भागों में भी इसके विरुद्ध प्रदर्शन चल रहे थे।

यहां की सरकार जनसंख्या बढ़ने के लिए प्रवासियों को आने देने के हमेशा से खिलाफ रही है। साल 2015 में जब प्रवासियों की परेशानी बहुत बढ़ गयी थी तब ओर्बेन ने देश की दक्षिणी सीमा पर दीवार का निर्माण भी करवाया था, ताकि कोई भी प्रवासी उनके देश में दाखिल न हो पाए । सरकार और यहाँ की मीडिया भी अक्सर पश्चिमी यूरोप में नैतिक पतन और आतंकवाद को प्रवासियों के बढ़ने से ही जोड़ती है।