अब मुसलमानों के द्वारा हथियार जमा करने की ट्रेनिंग का मामला सामने आ रहा है। झूठी खबरों और फ़र्जी मुद्दों के बहाने से हथियारों को जमा करने का काम शुरू किया जा रहा है। कभी विश्वास जीतने की बात की जाती है, लेकिन फिर इस तरह के विचलित कर देने वाले मामले सामने आ जाते हैं। सीरिया और ईराक में हमने पहले ही देख लिया है कि इस तरह से जमा हथियारों का क्या किया जाता है।
अभी कुछ दिन पहले लखनऊ के ही एक मुस्लिम धर्म गुरु ने कहा था कि सभी मुस्लिम अपने घर में हथियार जमा करें, भले ही इसके लिए उन्हें घर का सामान बेचना पड़े।
मुस्लिम धर्म गुरुओं के साथ अब वकील भी हथियार कैसे जमा करने हैं इसकी ट्रेनिंग देने लगे हैं। अब मस्ज़िदों में नमाज के बाद हथियारों को जमा करने की ट्रेनिंग दी जा रही है। सुप्रीम कोर्ट के वकील महमूद परचा ने टीले वाली मस्जिद में मुसलमानों को हथियारों के लाइसेंस प्राप्त करने की ट्रेनिंग दी। उसने कहा कि मुस्लिम तबके के लोगों को अपनी हिफाज़त के लिए हथियारों की आवश्यकता है।
लखनऊ की टीले वाली मस्जिद में नमाज़ के बाद कैंप लगाकार उन्हें हथियार जमा करने की पूरी ट्रेनिंग दी जा रही है। ये कैंप लगवाने वाला और कोई नहीं बल्कि खुद के सेक्युलर होने का दावा करने वाला मुस्लिम धर्म गुरु फजलुल मन्नान है।
यहाँ पर आतंकी कैंपों की तरह ट्रेनिंग दी जा रही है। ट्रेनिंग में हथियारों के लिए फॉर्म भरना, तरह-तरह के हथियार जमा करने और दूसरी ख़तरनाक ट्रेनिंग दी जा रही है। ऐसा भी कहा जा सकता है कि यहाँ एकदम अलक़ायदा की तर्ज पर ट्रेनिंग दी जा रही है। एक तरफ विश्वास जीतने के बात होती है, वहीं दूसरी तरफ मस्जिद में लगे कैंपों में हिंसा का सबक सिखाया जा रहा है।