उत्तर प्रदेश के रामपुर ज़िले की इन दिनों चारों तरफ चर्चा है। इस बार आजम खान के उटपटांग बयानों के कारण नहीं बल्कि यूपी पुलिस की बहादुरी के कारण ये जिला सुर्ख़ियों में आया है। प्रदेश की पुलिस के डर से इस बार बड़ी संख्या में अपराधी आत्मसमर्पण कर रहे हैं। उनके द्वारा अपील की जा रही है कि उनके पुराने मामलों को ख़ारिज कर उन्हें जेल में डाल दिया जाये। ग़ौरतलब है कि इन अपराधियों में से 40 पर गो-हत्या के मामले दर्ज हैं।
मुख्यमंत्री योगी द्वारा जून से शुरू की गई इस मुहिम में अबतक रामपुर की जिला अदालत में 146 अपराधियों ने आत्मसमर्पण कर दिया हैं। इनमें से कईयों पर अपहरण, बलात्कार, अवैध खनन और गोहत्या जैसे मामले दर्ज हैं। चर्चित आईपीएस ऑफिसर अजयपाल शर्मा की यहाँ तैनाती के बाद अपराधियों में खौफ साफ दिखाई दे रहा है। पहले वे खुलेआम घूम रहे हैं, लेकिन अब दुबक कर बैठे हैं या फिर आत्मसर्पण कर रहे हैं। मात्र 45 दिनों के भीतर बड़ी संख्या में अपराधियों ने आत्मसमर्पण किया है।
अभी पूरे प्रदेश में पुलिस के द्वारा अपराधियों को पकड़ने के लिए व्यापक अभियान चलाये जा रहे हैं। ऐसे में कई अपराधी अपने एनकांटर के डर से कोर्ट में आत्मसमर्पण करने खुद की जान बचाने की कोशिश कर रहे हैं।
योगी सरकार के पहली बार अस्तित्व में आने पर भी अपराधियों में इसी तरह की अफरा-तफरी मच गई थी। लेकिन बीच में उनके हौंसले फिर मजबूत होने लगे थे। इस बार योगी सरकार ने एनकाउंटर की मुहिम छेड़कर उन्हें ठिकाने लगाने का निर्णय कर लिया है।
पुलिस ने रामपुर में 1 जून से 15 जुलाई तक गोहत्या, अपहरण, रेप और अवैध खनन जैसे मामलों के अपराधियों के खिलाफ अभियान चलाये थे। अब तक 146 आरोपी आत्मसमर्पण कर चुके हैं। 81 अपराधियों पर अपरहरण, पोक्सो, लूटपाट नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक पदार्थ अधिनियम के अंतर्गत मामले दर्ज हैं, जबकि 40 अपराधियों पर गो-हत्या का आरोप है।