पी चिदंबरम की तरफ से घर का पका खाना दिए जाने की अपील पर हाईकोर्ट ने दिया यह जवाब

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Nikhil Talwaniya
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पी चिदंबरम की तरफ से घर का पका खाना दिए जाने की अपील पर हाईकोर्ट ने दिया यह जवाब

आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को तिहाड़ जेल में बंद रखा गया हैं। गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में पी चिदंबरम की बेल याचिका पर सुनवाई हुई। सीबीआई को दिल्ली हाईकोर्ट ने नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। कोर्ट ने इस दौरान चिदंबरम की ओर से कोर्ट में बहस कर रहे कपिल सिब्बल की मौखिल अर्जी को भी खारिज कर दिया है। सिब्बल ने कोर्ट से अपील की थी कि चिदंबरम को प्रतिदिन घर का पका खाना खाने और परिवार के सदस्यों से मिलने की अनुमति दी जाए। हाईकोर्ट ने इस पर कहा कि जेल में सभी के लिए 'समान भोजन' उपलब्ध है, 'हम भदेभाव नहीं कर सकते।'

कोर्ट से कपिल सिब्बल ने जब घर का पका खाने की अनुमति मांगी तो जस्टिस सुरेश कुमार कैट ने कहा कि 'जेल में सभी के लिए एक जैसा भोजन उपलब्ध है।' जज साहब के इस जवाब के बाद सिब्बल ने कहा कि 'माय लॉर्ड वह 74 साल के हैं।' सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस पर जवाब दिया, 'यहां तक कि (INLD नेता ओम प्रकाश चौटाला) चौटाला बूढ़े हैं और एक राजनीतिक कैदी हैं। एक राज्य के रूप में, हम किसी को भी अलग नहीं कर सकते।' दलीलें तब हुईं, जब कोर्ट आईएनएक्स मीडिया से संबंधित सीबीआई के मामले में पी चिदंबरम द्वारा दायर नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा था।

जानकारी दे दें कि पी चिदंबरम की बेल याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है चिदंबरम की ओर से कोर्ट में बहस कर रहे कपिल सिब्बल ने कहा, हमने न्यायिक हिरासत को चुनौती दी थी। साथ ही रेगुलर बेल मांग रहे है। जिस पर जज ने कहा, ''आप यहां क्यों आये हैं?''

इसके जबाब में कपिल सिब्बल ने कहा, आप फैक्ट को सुन कर न्याय कर सकते है। रेगुलर बेल को पहले सुन सकते है। फिर कोर्ट में जज ने कहा, आपने उसी दिन क्यों नहीं निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी। आप एक ही दिन निचली अदालत से सुप्रीम कोर्ट चले जाते है और निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने में इतना दिन लगा और यहां कह रहे है जल्दी करिए। बता दे कि 23 सितंबर को इस मामले की अगली सुनवाई होगी।

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