'आतंकियों और उनके आकाओं को खोज कर मारो' जम्मू-कश्मीर के डीजीपी का सख़्त आदेश

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Rishabh Verma
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'आतंकियों और उनके आकाओं को खोज कर मारो' जम्मू-कश्मीर के डीजीपी का सख़्त आदेश

जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद से ही प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद नजर आ रहा है। यही कारण है की पिछले कई महीने से वहां किसी प्रकार की कोई आतंकी वारदात नहीं हो पाई है। अब खबर आ रही है कि कश्मीर में बचे हुए और छुपे आतंकियों को ढूंढ कर मारने के निर्देश दिए गए हैं। यह निर्देश जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने दिए हैं।

दरअसल श्रीनगर पुलिस कंट्रोल रूम में उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक हुई थी और इसी बैठक के दौरान डीजीपी दिलबाग सिंह ने यह आदेश देते हुए कहा कि "आतंकियों के खिलाफ कॉर्डन एंड सर्च आपरेशन को तेज करो, ताकि आतंकियों को बाहर निकाला जा सके। जो आतंकी आत्मसमर्पण करता है, उसका स्वागत है। जो आगे से जवाब देता है, उसका काम तमाम करो।"

डीजीपी ने बैठक के दौरान आगे कहा कि "कानून से बड़ा कोई नहीं है। कानून तोड़ने वाले पर सख्ती से निपटें।" उन्होंने बैठक में मौजूद अधिकारियों से जोर देकर कहा कि "वह प्रयासों को तेज कर दें। आतंकियों और उनके आकाओं के खिलाफ मिलकर काम करें। उस पार बैठे आकाओं और आतंकियों के खिलाफ एक संयुक्त कार्रवाई करनी होगी। काफी हद तक कश्मीर में आतंकियों का सफाया किया गया है। लेकिन हमें इसे अभियान को जारी रखना है।एक समन्वित रणनीति अपना कर इन आतंकियों का खात्मा करना है, ताकि जम्मू कश्मीर में शांति बनी रहे।"

बता दें कि इस बैठक के दौरान कश्मीर की आंतरिक सुरक्षा के ऊपर भी काफी मंथन किया गया है। बैठक के दौरान वहां उपस्थित अधिकारियों से कहा गया है कि "सुरक्षा के लिए हर तरह के जरूरी कदम उठाएं। बैठक में सीआईडी के एडीजीपी बी श्रीनिवासन, आईजी कश्मीर सहित कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।"

डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा है कि "जम्मू कश्मीर में कानून व्यवस्था हमेशा ही एक बड़ी चुनौती बनी रहती है। जो लोग इसमें लगे हुए हैं, उनकी ट्रेनिंग लेने की क्षमता को बढ़ाएं। ताकि वह हर तरह की चुनौती का सामना कर सकें। कानून व्यवस्था में लोगों का सहयोग भी उन्हें मदद करता है। कानून व्यवस्था को लेकर आम लोग प्रताड़ित नहीं होने चाहिए। लोगों का सहयोग बहुत जरूरी है। इसलिए अधिक से अधिक लोगों से जुड़ें।"

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