आबिद सुरती एक चित्रकार, लेखक, पत्रकार हैं और ‘Save Every Drop or Drop Dead’ नामक आंदोलन के साथ एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी जाने जाते हैं। वह एक एनजीओ चलाते हैं जो पानी बचाने के लिए काम करता है। बता दें की आबिद ने 2007 में अभियान 'द ड्राप डेड फाउंडेशन' की शुरूआत की और पहले ही वर्ष हज़ारों घरों में जाकर लोगों को पानी बचाने के लिए सचेत किया।

आबिद सुरती ने बताया की “मैं एक दिन अपने दोस्त के घर गया था, उसके घर के नल से पानी टपक रह था। यह देख मुझे बहुत दुःख हुआ। उसके बाद मैंने इस तरह का अभियान चलाने का सोचा।’ आबिद का कहना है की ‘गंगा को तो नहीं बचा सकता लेकिन पानी को बर्बाद होने से रोक सकता हूँ।’ आबिद ने अपना जीवन फूटपाथ पर बिताया है और वे पानी की अहमियत को अच्छे से समझते है।

2007 के बाद से आबिद अभी तक 2000 से ज्यादा घरों के नलों के रिसाव को ठीक कर चुके है। इस तरह घर घर जाकर आबिद ने अभी तक 20 मिलियन लीटर वाटर को बहने से बचाया है। वह एक महिला स्वयंसेवक और एक प्लंबर के साथ हर दूसरी इमारत का दौरा करते हैं। इस दौरे में वे उस घर में ये चेक करते हैं कि क्या कोई पाइप लीक कर रहा है या नहीं। फिर उसे निशुल्क ठीक करते है। इसके साथ साथ वे जगह जगह पानी बचाओं के पोस्टर लगाकर भी लोगो को पानी बचाने के संदेश देते है।

हाल ही में किरण बेदी ने अपने ट्विटर अकाउंट से उनकी कहानी को बयान करती एक वीडियो शेयर की और लिखा की ‘यदि वे कर सकते हैं तो हम भी कर सकते है।’

आबिद इस वीडियो में कहते हैं की मैं 84 साल हूँ, अगर मैं कर सकता हूँ तो आप भी कर सकते है। आबिद ने 80 किताबें और सात नाटक लिखे हैं, उन्होंने चित्रों की 16 प्रदर्शनियों की मेजबानी की, और डब्बूजी, बहादुर जैसे बहुत अच्छे हास्य चरित्र बनाए। 1993 में, इस बहुमुखी कलाकार को अपने लघु कहानी संग्रह, तीसरी आँख के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला।