सोमवार को केरल के तिरुवंतपुरम जिले के सब-कलेक्टर की ज़िम्मेदारी देश की पहली दृष्टिहीन महिला IAS अधिकारी प्रांजल पाटिल ने संभाल ली। 6 साल की उम्र में महाराष्ट्र के उल्लास नगर की रहने वाली प्रांजल ने आंखों की रोशनी खो दी थी। फिर भी उसने हार नही मानी और मुश्किलों का सामना करते हुए IAS बनीं। जानते है प्रांजल के इस सफर के बारे में।
साल 2016 में प्रांजल ने पहली कोशिश में यूपीएससी में 733 वीं रैंक प्राप्त की थी। फिर साल 2017 में 124वीं रैंक प्राप्त की। सोमवार को अपना पदभार ग्रहण करने के बाद प्रांजल ने कहा कि हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए। प्रयासों से हम वो हासिल कर सकते हैं जो हमें चाहिए। मैं कार्यभार संभालने के लिए खुश हूं और इससे खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही हूँ। जब एक बार मैंने कार्य करना शुरू कर दिया, तो मुझे जिले के उप प्रभागों के विषय में ज्यादा जानकारी होगी और उपखंड के लिए क्या करना है, इसके बारे में ज्यादा योजनाएं हो सकती हैं।
बता दें कि प्रांजल ने छठी कक्षा में अपनी एक आंख की रोशनी खो दी थी। एक विद्यार्थी से उनकी आंख मे पेंसिल लग गई थी। उन्होंने उसके अगले ही साल अपनी दूसरी आंख की रौशनी भी खो दी। प्रांजल ने दोनों आंखों की रौशनी चले जाने के बाद भी हार नहीं मानीं, उन्होंने ब्रेल लिपि द्वारा पढ़ाई जारी रखी। साथ ही उन्होंने एक ऐसे सॉफ्टवेयर की भी सहायता ली, जिससे वे सुनकर पढ़ती थीं।
प्रांजल को नई-नई चीज़ों के बारे में पढ़ना पसंद था जिसके चलते प्रांजल ने IAS की तैयारी को अपना लक्ष्य बनाया। लोग उन्हें ये भी कहते थे कि जब दिखता नहीं है तो इतना क्यों पढ़ती हो उन्होंने दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से भी पीएचडी भी की है।