नागरिकता संशोधन विधेयक के कानून बनने के बाद देश के कई हिस्सों से मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए हैं जिसमे सार्वजनिक सम्पत्ति को काफी हानि हुई है। इसका विरोध उत्तर पूर्व राज्यों से शुरू होकर उत्तरप्रदेश, बंगाल और दिल्ली तक में देखने को मिला है। खासकर के दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय और सीलमपुर तथा जाफराबाद इलाके में प्रदर्शन के दौरान जम कर हिंसा हुई। अब इन हिंसक प्रदर्शनों पर दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने विरोध के दौरान हिंसा ना करने की अपील की है।
शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने इस दौरान कहा कि "विरोध करना भारत के लोगों का लोकतांत्रिक अधिकार है, कोई भी हमें ऐसा करने से नहीं रोक सकता। हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि यह प्रदर्शन नियंत्रण में किया जाए है, हमें अपनी भावनाओं को नियंत्रण में रखना सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है।"
नागरिकता संशोधन कानून पर बात करते हुए उन्होंने लोगों को समझाया की "नागरिकता संशोधन कानून और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर जिसे NRC कहते हैं के बीच भिन्नता है। एक नागरिकता संशोधन बिल है जो एक कानून बन गया है और दूसरा NRC है जिसकी केवल घोषणा की गई है, यह एक कानून नहीं है। CAB के अंतर्गत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आने वाले मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता नहीं मिलेगी। इसका भारत में रहने वाले मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है।"
गौरतलब है की CAB को लेकर पिछले कुछ दिनों से मुस्लिम समुदाय के लोग उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं। मंगलवार को भी उत्तर पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद-सीलमपुर क्षेत्र में विरोध के दौरान हिंसा हुई जिसमे 18 लोग घायल हो गए। इस हिंसा में घायल हुए लोगों में 11 दिल्ली पुलिस के अधिकारी और कर्मचारी थे तो वहीं 7 आम लोग भी घायल हुए हैं। पुलिस ने यहाँ हुई हिंसा के बाद 5 लोगों को गिरफ्तार भी किया है।