भारत सरकार द्वारा लाये गए नागरिकता संशोधन एक्ट पर कुछ क्षेत्रों में खूब विरोध हुआ जिसमे कई जगहों पर हिंसा भी देखने की मिली। भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में रह रहे भारतीय मूल के निवासी भी इस कानून पर अपनी राय रख रहे हैं। ज्यादातर लोग इसका समर्थन कर रहे हैं वहीं गिने चुने लोग इसका विरोध भी कर रहे हैं। इसी कड़ी में कल माइक्रोसॉफ्ट के भारतीय मूल के सीईओ सत्या नडेला का बयान सामने आया, जिसको लेकर कल दिन भर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा।
दरअसल पहले कुछ मीडिया हाउस की तरफ से सत्या नडेला का हवाला देते हुए यह बयान छापा गया की वे CAA के खिलाफ हैं। इसके बाद दिन भर इस विषय पर बातें होती रही। इस बयान को लेकर विवाद भी होने लगा तब जा कर माइक्रोसॉफ्ट इंडिया ने सत्या नडेला का इस मुद्दे पर आधिकारिक बयान ट्वीट किया। इस ट्वीट से यह साफ़ हुआ की सत्या नडेला ने CAA का विरोध नहीं किया है। इसका मतलब हुआ की कुछ मीडिया हाउस ने उनके बयान को अपने एजेंडे के तहत तोड़ मरोड़ कर पेश किया है।
इस पूरे मामले की शुरुआत मैनहेट्टन में आयोजित किये गए माइक्रोसॉफ्ट के एक इवेंट से हुई जहाँ सत्या नडेला से भारत में CAA विरोधी प्रदर्शन पर सवाल पूछे गए। इस दौरान कही गई उनकी बातों को बज़फीड नामक पोर्टल के एडिटर इन चीफ बेन स्मिथ ने अपने ट्विटर अकाउंट पर जारी किया। इसके बाद इस पूरे बयान को भारतीय मीडिया संस्थानों द्वारा अपने अपने एजेंडे के अनुसार स्पिन कर के छापा गया और कहा गया की नडेला CAA के खिलाफ हैं।
जब मामला बहुत ज्यादा बढ़ने लगा तो माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से सत्या नडेला का बयान जारी किया गया जिसमे उन्होंने साफ़ किया की वे CAA के खिलाफ नहीं हैं। इस बयान में कहा गया है की ‘हर देश को अपने बॉर्डर, राष्ट्रीय सुरक्षा और प्रवासी पॉलिसी को तय करने का अधिकार है। लोकतंत्र में सरकारें और देश की जनता ऐसे मुद्दों पर बात करके अपना फैसला लेती है। मैं भारतीय मूल्यों के आधार पर बड़ा हुआ हूँ... जो कि एक मल्टीकल्चर भारत था और अमेरिका में भी मेरा प्रवासी अनुभव ऐसा ही रहा है। भारत के लिए मेरी आकांक्षा है कि वहां पर कोई भी प्रवासी आकर एक अच्छा स्टार्ट अप, बड़ी कंपनी की अगुवाई करने का सपना देख सके। जिससे भारतीय समाज और इकॉनोमी को फायदा पहुंचे।’
इस बयान में नडेला ने कही यह साफ़ नहीं किया की वे CAA के खिलाफ हैं। बल्कि उन्होंने यह कहा की हर देश को प्रवासी पॉलिसी बनाने का हक़ है। वैसे भी CAA किसी को भी भारत में आने से रोकने के लिए नहीं बनाया गया है बल्कि इसे पाकिस्तान बांग्लादेश और अफगानिस्तान के वैसे अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए बनाया गया है जो 2014 से पहले भारत आ चुके हैं।