दक्षिण भारत स्थित कुछ राज्यों की मस्जिदों में आने वाली जुम्मे की नमाज़ पर मुस्लिम समुदाय के लोगों को अपने दस्तावेज़ जांच करने की हिदायत दी जा रही है। मुस्लिम समुदाय को नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस एवं नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 को ध्यान में रखते हुए अपने सभी दस्तावेज़ को दुरुस्त करने की अपील की जा रही है। ताकि आने वाले समय में इसका सामना नहीं करना पड़े। लोकसभा में अपने भाषण में गृह मंत्री अमित शाह ने कह दिया है कि NRC पूरे देश में लागू किया जायेगा।
पिछले सप्ताह में दक्षिण भारत की मस्जिदों के प्रमुखों को अपने दस्तावेज़ दुरुस्त करने की हिदायत देते हुए कहा गया है कि हमें नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस एवं नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 से किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है। हम भारत के नागरिक है बस अपने दस्तावेज़ में कुछ कमी हो तो उसे दुरुस्त कर लेवे। कई लोगों के आधार कार्ड, पैन कार्ड और वोटर आईडी कार्ड में कुछ समस्या है उसे दुरुस्त कर लेवे। भारतीय मुसलमानों को नागरिकता संशोधन विधेयक से डरने की जरुरत नहीं है।
इस बिल पर भी राज्यसभा में चर्चा हो रही है। इस मुद्दे पर गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट कर दिया है कि भारतीय मुसलमानों को इससे डरने की आवश्यकता नहीं है। ये विधेयक पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से प्रताड़ित होकर आये हिंदू, बौद्ध, जैन, पारसी, ईसाई और सिख समुदाय के लोगों को भारत में संरक्षण का प्रावधान करता है।
इस विधेयक पर विपक्ष का मानना है कि CAB और NRC दोनों में सीधा संबंध है। इस बिल के माध्यम से एनआरसी की अंतिम सूची से निष्काषित हुए हिंदुओं के संरक्षण के लिए लाया गया है। एनआरसी की प्रकाशित अंतिम सूची में 19 लाख लोग बाहर हो गए है जिसमे हिंदुओं की संख्या लाखों में है। केंद्र सरकार अब एनआरसी की नई सूची तैयार कर रही है।