मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने के लिए कमर कस ली है। इसके लिए सरकार ने पहले बैंकों को 70000 करोड़ की संजीवनी देने की घोषणा की है और अब बैंकों को मर्जर करने का भी ऐलान कर दिया है। वित्तमंत्री ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या 18 से घटाकर 12 करने की बात कही है। छह बैंकों का चार बड़े सरकारी बैंकों के साथ मर्जर किया गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंक मर्जर को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। इस कॉन्फ्रेंस में वित्तमंत्री ने कहा कि 2017 में देश की अर्थव्यवस्था 2.6 ट्रिलियन डॉलर थी और हम 2024 में 5 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य को अवश्य हासिल करेंगे।
बैंकिंग सेक्टर के विषय में उन्होंने कहा कि हाल ही में जितने भी फैसले लिए गए हैं उससे NPA में कमी आई है। वित्त वर्ष 2018-19 में लोन रिकवरी 1,21,076 करोड़ थी और NPA का स्तर 7.90 लाख करोड़ तक पहुंच गया है। बैंकों पर पहले 8.86 लाख करोड़ के NPA का बोझ होता था।
आज 4 बैंकों में मर्जर की घोषणा की गयी है। पंजाब नेशनल बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक को मर्ज किया जायेगा। इन बैंको के मर्जर के बाद यह देश का दूसरा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक बन जाएगा। इसका बिजनेस 17.95 लाख करोड़ का होगा। केनरा और सिंडिकेट बैंक का मर्जर किया जाएगा जो कि मर्जर के बाद देश का चौथा सबसे बड़ा बैंक बनेगा। इस बैंक का बिजनेस 15.20 लाख करोड़ का होगा। साथ ही यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का भी मर्जर होगा। मर्जर के बाद यह देश का पांचवा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक बनेगा। इंडियन और इलाहाबाद बैंक का मर्जर होने के बाद यह देश का सातवां सबसे बड़ा बैंक बनेगा।