पिछले दिनों जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में कुछ वामपंथी संगठनों ने विश्वविद्यालय परिसर में लगी महापुरुषों की तस्वीर एवं मूर्तियों के साथ छेड़छाड़ की थी अब इसी प्रकार की घटना बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में भी होने लगी है।
दरअसल बीती रात बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के पोलिटिकल साइंस डिपार्टमेंट में लगी महात्मा गांधी, बाबासाहेब अंबेडकर एवं वीर सावरकर के चित्रों के साथ छेड़छाड़ की गई है। डिपार्टमेंट की सभी कक्षाओं में करीब 3 वर्ष पूर्व छात्रों एवं शिक्षकों ने मिलकर इस मूर्ति को लगाया था। आज सुबह जब एमए फर्स्ट ईयर के छात्र जब रूम नंबर 103 में पहुंचे तो वहां उन्होंने देखा कि वीर सावरकर की तस्वीर दीवार से नीचे गिरी हुई है और उस पर स्याही भी पोती गई है। इस घटना को देखकर छात्र आक्रोशित हो गए और धरने पर बैठ गए थे।
घटना की जानकारी जब HOD को पता चली तो वो वहां पहुंचे और घटना की निंदा की । एचओडी ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि ये ग़लत है। उन्होंने छात्रों को आश्वासन दिया कि एक कमेटी गठित कर के मामले की जाँच की जाएगी। वीर सावरकर की फोटो को फिर से कक्षा की दीवार पर लगाया जाएगा। साथ ही दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने का भी आश्वासन दिया।" HOD के आश्वासन पर छात्रों ने धरना बंद कर दिया है।
विश्वविद्यालय के छात्रों का कहना है कि वामपंथी छात्र संगठन 'आइसा' से जुड़े लोग पिछले कई समय से ऐसी धमकिया दे रहे थे। पिछले समय जब JNU में वीर सावरकर की प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ की गई थी तब वामपंथी छात्र संगठन 'आइसा के सदस्य आशुतोष कुमार ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी करते हुए कहा था "सावरकर की प्रतिमा को कालिख पोत कर ‘मइया &% दी गई। अब बीएचयू के पोलिटिकल साइंस डिपार्टमेंट में लगे सावरकर के फोटो बारी है।" इस विषय पर छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन को सूचित कर दिया है। BHU के छात्रों ने चेतावनी देते हुए कहा कि इस मामले में मंगलवार को एफआईआर दर्ज करेंगे।
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BHU में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सह संयोजक अभय प्रताप सिंह ने इस विषय पर बयान दिया और कहा "सितम्बर में भी वीर सावरकर की फोटो को क्लासरूम में निकाल कर फेंक दिया गया था। इसके बाद एबीवीपी ने इसे किसी की ग़लती समझ कर फोटो को रिपेयर करवाया। ये पूर्णरूपेण वामपंथी छात्र संगठन का काम है क्योंकि जेएनयू से लेकर डीयू तक ये लोग ऐसी ही हरकतें कर रहे हैं। छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन को भी पत्र लिख कर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है।"
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विश्वविद्यालय में पिछले कई समय से हिन्दू विरोधी घटनाएँ सामने आ रही है। अब देखना है कि विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा नामजद एफआईआर दर्ज करवाने के पश्चात आरोपियों पर क्या कार्यवाही की जाती है।