कारगिल के युद्ध का बखान टाइगर हिल के बिना अधूरा ही माना जायेगा। 1999 के इस युद्ध में भारतीय सेना के सामने एक बेहद कठिन और असंभव सा लगने वाला लक्ष्य था- टाइगर हिल को पुन: प्राप्त करना। पाकिस्तानी सेना ने धोखे से टाइगर हिल पर कब्ज़ा कर लिया था। भारत के सैनिक दुश्मनों को खदेड़ कर फिर से टाइगर हिल हासिल करना चाहते थे।
क्या है टाइगर हिल और क्यों भारतीय सेना यहाँ से दुश्मनों को भगाना चाहती थी?
टाइगर हिल या पॉइंट 5060 जम्मू और कश्मीर के द्रास-कारगिल क्षेत्र में स्थित एक पहाड़ी है। यह इस क्षेत्र की सबसे ऊँची जगह है। कारगिल युद्ध के दौरान यहाँ पर फिर से कब्ज़ा करना युद्ध के दृष्टिकोण से भारत के काफी अहम था।
क्षेत्र में सबसे ज़्यादा ऊंचाई पर होने के कारण दुश्मन यहाँ से 56 ब्रिगेड मिलिट्री हेडक्वार्टर पर आसानी से नज़र रख सकता था। टाइगर हिल से नेशनल हाई-वे 1D भी साफ़ दिखाई देता है। ये रास्ता सियाचिन की ओर जाता है तथा श्रीनगर से लेह को जोड़ता है। यह कारगिल सेक्टर का प्रमुख सप्लाई रूट है। यहाँ की गतिविधियों पर नज़र रखकर दुश्मन सैनिक अपने अधिकारियों को ज़रूरी सूचना भेज सकते थे। वे टाइगर हिल से 25 किलो मीटर की दूरी तक फायरिंग भी कर सकते थे। इन सब के मद्देनज़र भारतीय सेना किसी भी हाल में ये जगह दुश्मन के लिए नहीं छोड़ सकती थी।
पाकिस्तानी सेना करती रही हमले
इस पॉइंट पर कब्ज़ा जमाने के बाद पाकिस्तानी फ़ौज लगातार भारत को नुकसान पहुँचाने की कोशिश करती रही। वह द्रास के रिहायसी और मिलिट्री ढांचे को नष्ट करना चाहती थी। भारतीय सेना के सामने सबसे कठिन कार्य था - दुश्मन की नज़र से बचकर उस पर हमला करना। सामने से जाकर आक्रमण करने की नीति को दुश्मन आसानी से असफल कर सकता था।
सेना के फ़ौलादी इरादों ने किया दुश्मनों को ढेर
भारतीय सेना ने टाइगर हिल के आसपास तोपों से हमले शुरू कर दिए साथ ही 21 जवानों को पीछे से 1000 फ़ीट की सीधी चढ़ाई करके आकस्मिक हमले का आदेश दिया गया। हालाँकि ये कार्य बर्फ़ीली चादरों और बेहद कम तापमान के कारण बहुत दुर्गम था। लेकिन भारतीय सेना के जांबाजों ने मुश्किल परिस्थितियों के बावजूद इस ऑपरेशन को सफल कर दिखाया। पाकिस्तानी सेना को भगाकर भारतीय सेना के जवानों ने पुन: टाइगर हिल पर तिरंगा लहरा दिया।
कैसा है टाइगर हिल का मौसम?
टाइगर हिल पर सूर्य अस्त होते ही तापमान माइनस 3 डिग्री हो जाता है। जब देश के मैदानी इलाकों में भयंकर गर्मी पड़ रही होती है तब भी यहाँ का तापमान माइनस में होता है। सर्दियों के दिनों में यहाँ 4-5 फुट बर्फ जमी रहती है। भारत के सिपाहियों को 365 दिन यहाँ पर गश्त लगानी पड़ती है।