रक्षा मंत्रालय ने अब स्पष्ट शब्दों में कह दिया है कि पाकिस्तान जबतक आतंकी समूहों के विरुद्ध विश्वसनीय कार्रवाई नहीं करेगा, भारत तबतक अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाएगा। रक्षा मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट में बताया गया है कि पुलवामा अटैक से यह सिद्ध होता है कि लगातार भारत पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के निशाने पर बना हुआ है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जम्मू और कश्मीर में सीमा पार पाकिस्तानी सेना फायरिंग की आड़ में आतंकियों को भारत में घुसपैठ करा रहा है। लेकिन भारतीय सुरक्षा बल इसका बखूबी जवाब दे रहे हैं।
सालाना रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि, 'जैश-ए-मोहम्मद द्वारा पुलवामा अटैक से इसकी पुष्टि होती है कि भारत पाकिस्तान प्रायोजित सीमापार आतंकवाद नीति का लगातार टारगेट बना हुआ है। भारत के जवाब में बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े ट्रेनिंग कैंप पर एहतियाती नॉन-मिलिटरी आतंक विरोधी एरियल स्ट्राइक जैसे कदम शामिल रहे।'
कहा गया है कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय तौर पर आतंकी घोषित हो चुके संगठनों के खिलाफ हमेशा कार्रवाई से बचता आ रहा है। पाकिस्तान के ऐसे संगठन पड़ोसियों को टारगेट करते है।
रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल चीनी सेना की घुसपैठ और सीमा पर तनातनी की घटनाएं भारतीय भूभाग में घटी हैं। बताया गया है कि डोकलाम में 28 अगस्त 2017 को दोनों देशों के मध्य गतिरोध के उपरांत भारत और चीन दोनों ने ही अपनी सेना की उपस्थिति घटा दी है। रिपोर्ट के अनुसार इलाके में भारतीय सेना चीन की गतिविधियों पर नजर रखे हुए है और किसी भी परिस्थिति के लिए पूर्ण रूप से तैयार है।