NRC पर हो रहे बवाल के बीच मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है। मोदी सरकार ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) बनाने का निर्णय लिया है। इस निर्णय पर मोदी सरकार की कैबिनेट ने अपनी मुहर भी लगा दी है। बता दें कि कैबिनेट द्वारा राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर यानी NPR को पुनः अपडेट करने कि मंजूरी दी है।
क्या होता है राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर?
नागरिकता (रजिस्ट्रेशन ऑफ सिटीजन्स ऐंड इश्यू ऑफ नेशनल आइडेंटिटी कार्ड्स) नियमावली 2003 में जनसंख्या रजिस्टर की परिभाषा कुछ ऐसी है 'जनसंख्या रजिस्टर का मतलब यह है इसमें किसी गांव या ग्रामीण इलाके या कस्बे या वार्ड या शहरी क्षेत्र के सीमांकित इलाके में रहने वाले लोगों का विवरण शामिल होगा।'
Sources: Union Cabinet has given approval to the National Population Register (NPR) pic.twitter.com/UM29F6Impg
— ANI (@ANI) December 24, 2019
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) जिसको मोदी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है के अंतर्गत 1 अप्रैल, 2020 से 30 सितंबर, 2020 तक के समय में नागरिकों की जनसंख्या का डेटाबेस बनाया जाएगा। इस डेटाबेस को बनाने के लिए देशभर में घर-घर जाकर जनसंख्या सम्बन्धी आंकड़े इकट्ठे किये जाएंगे। इन आकड़ों में जनसांख्यिंकी के साथ बायोमेट्रिक सम्बन्धी जानकारियाँ भी इकट्ठी की जाएंगी।
मीडिया में आई ख़बरों के अनुसार कोई बाहरी व्यक्ति भी अगर देश के किसी भाग में छह महीने या इससे ज्यादा समय से रह रहा है तो उसे भी एनपीआर में अपने आंकड़े दर्ज करवाने होंगे। इनमें बायोमेट्रिक डेटा जुटाने के पीछे का मकसद सरकारी योजनाओं ले लाभ वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचाना होगा।