IAF की जुगाड़ टेक्नोलॉजी: फ्रेंच मिराज विमान पर इजरायली तकनीक से सेट किया गया रुसी मिसाइल

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Punctured Satire
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IAF की जुगाड़ टेक्नोलॉजी: फ्रेंच मिराज विमान पर इजरायली तकनीक से सेट किया गया रुसी मिसाइल

भारत विश्व के ऐसे बड़े देशों में अग्रणी है जिसका रक्षा बजट बहुत ज्यादा होता है। पाकिस्तान और चीन के बड़ी सीमाओं की वजह से भारत को इसकी जरुरत भी रहती है। ऐसे में भारत विश्व के अलग अलग देशों से रक्षा सौदे करता है और आधुनिक रक्षा तकनीक से लैस होता है। इसी वजह से कई बार अलग अलग देशों की रक्षा तकनीकों में सामंजस्य बिठाने में भी समस्याएं पेश आती हैं। पर किसी ना किसी तरह भारतीय रक्षा विशेषज्ञ अपना काम निकाल ही लेते हैं।

भारतीय वायुसेना ने कुछ ऐसा ही किया है और इसे अल्टीमेट 'जुगाड़' कहा है। दरअसल हवा से हवा में मार करने वाली रूस में बनी मिसाइल को भारतीय वायुसेना इजरायल में बनी हेल्मेट-माउंटेड डिस्प्ले के साथ चलाती है। यह इजरायली जुगाड़ को दरअसल भारतीय वायुसेना के पायलट फ्रांस-निर्मित मिराज-2000 लड़ाकू विमान उड़ाते हुए पहनते हैं जिससे रूसी मिसाइल चलाना संभव हो पाता है। बता दें की इस जुगाड़ का इस्तेमाल भारतीय वायुसेना फ्रांस में बनी मिराज-2000 लड़ाकू विमानों को उड़ाते हुए पिछले करीब 10 वर्ष से कर रही है।

इस जुगाड़ की जरुरत भारतीय वायुसेना को इसलिए पड़ी क्योंकि साल 1985 में भारतीय वायुसेना में शामिल हुए फ्रांस में तैयार मिराज विमानों में फिट आने वाली फ्रेंच मिसाइल R-530D और मैजिक II का निर्माण साल 2008 तक बंद हो गया था जिससे मिराज विमान बगैर मिसाइल के हो गई थी। इसके बाद भारतीय नौसेना ने रूसी R-73 मिसाइलों को ही मिराज पर इन्टीग्रेट किया जिसमे इजरायल में बनी हेल्मेट-माउंटेड डिस्प्ले ने उनकी मदद की।

रूस में बानी R-73 मिसाइलें भारत के अन्य लड़ाकू विमानों सुखोई 30, मिग-29 और मिग-21 'बाइसन' आदि पहले से तैनात थीं। इसे ही मिराज में इंटीग्रेट किया गया और इस इंटीग्रेशन में इस्राइली कंपनी एलबिट (Elbit) के इंजीनियरों ने सहायता की।

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