मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना की शुरुआत की थी। जिसके अंतर्गत दूल्हा दुल्हन की शादी निशुल्क करवाई जाती थी। 2013 में इस योजना के अंतर्गत दूल्हे के घर पर शौचालय का होना अनिवार्य कर दिया गया था। परन्तु सत्ता परिवर्तन होने के बाद इस पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बदलाव किया गया है। अब इस योजना का आवेदन करने के लिए शौचालय में जाकर एक सेल्फी लेनी होगी और उस फोटोग्राफ को आवेदन के साथ संलग्न करना पड़ेगा। तब जाकर यह आवेदन मान्य होगा।
ग़ौरतलब है कि सरकारी अधिकारी अपने काम की वजह से व्यस्त रहते है इसलिए वे हर जगह जाकर इन सभी चीजों की जांच नहीं कर सकते है। इस कारण से यह निर्णय लिया गया है। सरकार द्वारा सेल्फी की मांग पूरे मध्यप्रदेश में लागू की गई है।
भोपाल में आयोजित सामूहिक विवाह में निकाह करने आये एक युवक ने बताया कि शादी के प्रमाणपत्र की आप कल्पना कीजिये जिसमे शौचालय में खड़े दूल्हे की तस्वीर होगी। अगर ये तस्वीर नहीं दी जाती तो उनका विवाह इस योजना के अंतर्गत नहीं हो सकता है।
भोपाल म्युनिसिपल कारपोरेशन के अधिकारी सी बी मिश्रा जी ने मीडिया को जानकारी दी कि "पहले इस योजना के अंतर्गत शादी करने वाले जोड़े को 30 दिनों का समय दिया जाता था। शौचालय में दूल्हे की फोटो संलग्न करने में कुछ भी गलत नहीं है। यह शादी के कार्ड का हिस्सा नहीं है।"
ग़ौरतलब है कि शिवराज सिंह चौहान के समय इस योजना के अंतर्गत शादी करने वाले जोड़ों को 28000 रूपए की राशि दी जाती थी। सत्ता परिवर्तन होने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसे बढाकर 51000 कर दिया है।