कल सुबह लोकसभा के पटल पर गृहमंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन बिल 2019 पेश किया और कल यानी सोमवार को ही आधी रात को इसे लोकसभा ने पास भी कर दिया। इस बिल पर कल लोकसभा में 6 घंटा से अधिक देर तक बहस चलती रही। विपक्ष ने इस बिल की का खामियों को गिनाया तो कई सांसदों ने इसकी खासियतों पर भी लंबी चर्चा की। आखिर में जब आधी रात को इस बिल पर सदन में वोटिंग हुई तो इसके पक्ष में 311 वोट पड़े और विपक्ष में 80 वोट पड़े। इस तरह से यह बिल लोकसभा में आसानी से पास हो गया।
Lok Sabha passes the Citizenship Amendment Bill, 2019. pic.twitter.com/oAeDQ202ca
— ANI (@ANI) December 9, 2019
लोकसभा से पास होने के बाद अब नागरिकता संशोधन बिल को कल यानी बुधवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। सबकुछ ठीक रहा तो कल ही यह राज्यसभा से भी पास हो जाएगा और फिर राष्ट्रपति के हस्ताक्षरों के साथ ही यह कानून का रूप ले लेगा।
Sources: Citizenship Amendment Bill 2019 to be tabled in Rajya Sabha tomorrow pic.twitter.com/nSARNY1RpU
— ANI (@ANI) December 10, 2019
लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पर हुए बहस के दौरान अमित शाह ने अपने अगले एजेंडे NRC को लेकर भी स्थिति स्पष्ट कर दी है। शाह ने साफ कहा कि "मोदी सरकार देश में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन लेकर अवश्य आएगी और जब एनआरसी की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी तो देश में एक भी अवैध घुसपैठिया नहीं रह जाएगा।" अमित शाह ने अपने सम्बोधन के दौरान तस्दीक करते हुए कहा, "मानकर चलिए NRC आने वाला है।"
गौरतलब है कि वर्तमान में सिर्फ असम में एनआरसी की प्रक्रिया चलाई जा रही है। इस हेतु अबतक हुए कार्यवाही में करीब 19 लाख लोगों का नाम एनआरसी रजिस्टर से बाहर बताया जा रहा है। कोर्ट के आदेश पर अब ऐसे लोगों के लिए डिटेंशन सेंटर का निर्माण हो रहा है जिसमे घुसपैठियों को रखा जाएगा।
वैसे NRC को लेकर कई भ्रांतियां भी फैली हुई हैं और इन्हीं भ्रांतियों को दूर करते हुए अमित शाह ने घुसपैठियों और शरणार्थियों के बीच के अंतर को स्पष्ट किया। शाह ने कहा कि "जो हिन्दू, बौद्ध, सिख, पारसी, इसाई और जैन पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक प्रताड़ना के शिकार हैं और इस हालत में वे भारत आते हैं तो वे शरणार्थी कहलाएंगे, ऐसे लोगों को नागरिकता संशोधन के तहत भारत की नागरिकता दी जाएगी। जबकि वे लोग जो बांग्लादेश की सीमा से भारत में घुसते हैं, चोरी-छुपे आते हैं वे घुसपैठिए कहे जाएंगे।" अमित शाह ने इसके साथ साथ यह भी कहा कि ऐसे अवैध घुसपैठियों को भारत स्वीकार नहीं करेगा।