देश में करीब 3 लाख से ज्यादा कश्मीरी पंडित है और यह लोग पिछले 3 दशकों से अपने घर वापसी के लिए सरकार के किसी ठोस नीति का इंतजार कर रहे है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में बने गृह मंत्री अमित शाह इस मुद्दे को लेकर पहले दिन से ही सक्रिय रूप से कार्य कर रहे है। उन्होंने कश्मीर की सभी आंतरिक समस्याओं को प्राथमिकता से सुलझाने के आदेश दिए है।
अभी हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों को साथ बैठक करके कश्मीरी पंडितों का पुर्नवास करने के लिए कुछ प्रभावकारी नीति भी बनाई है। इस पूरे मुद्दे पर गृह मंत्री अमित शाह ने कश्मीर डिविज़न के सभी मुख्य अधिकारियों के साथ बैठक भी की है। कश्मीर में 1989 के बाद सांप्रदायिक हिंसा के बाद कश्मीर से भगाये गए कश्मीरी पंडितों के लिए सुरक्षित निवास बनाने की योजना पर विचार कर रही है।
गृहमंत्रालय द्वारा कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए 2015 में दिए जम्मू-कश्मीर सरकार को पुनर्वास योजना प्रस्ताव भी अधिक कारगर सिद्ध होगा। कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास करने के लिए पुनर्वास योजना और गृहमंत्री कल्याणकारी योजनाओं के उपयोग पर भी ध्यान दे रही है। इस पूरी योजना में आतंक के शिकार बने लोगों, विकलांगों और वरिष्ठ नागरिकों से संबंधित कल्याणकारी योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस उपरोक्त मुद्दे पर कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने भी बीते दिनों संकेत दिए है कि गृह मंत्रालय "घाटी में कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए सरकार आवश्यक नीति बनाने जा रही है। राज्यपाल इस बात से आशान्वित थे कि अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो नीति की घोषणा जल्द ही की जाएगी।"