कुछ महीने पहले अभिनेत्री पायल रोहतगी ने सोशल मीडिया पर मोतीलाल नेहरु, जवाहरलाल नेहरु, इंदिरा गांधी और गांधी-नेहरू परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ कुछ आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट की थी। जिसके बाद राजस्थान के प्रदेश युवा कांग्रेस महासचिव चर्मेश शर्मा द्वारा पायल के खिलाफ सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत शिकायत दर्ज की गई थी। जिस पर कार्यवाही करते हुए इस महीने के प्रारंभ में उन्हें एक नोटिस दिया गया था और इस विषय पर जवाब तलब करने को कहा गया था।

ग़ौरतलब है कि इसी मामले में पायल रोहतगी को बूंदी पुलिस ने उनके अहमदाबाद निवास पर से हिरासत में लिया गया है। पायल ने 13 दिसंबर को जिला एवं सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दी थी जिस पार आज सुनवाई हुई है। इस मामले में एसीजेएम हनुमान जाट ने जमानत याचिका ख़ारिज कर दी है और उन्हें आठ दिनों के लिए 24 दिसम्बर तक जेल भेज दिया है।

प्रदेश युवा कांग्रेस महासचिव चर्मेश शर्मा ने कुछ आपत्तिजनक सामग्री की प्रतियों के साथ शिकायत दर्ज करवाई थी जिसके बाद अभिनेत्री पायल रोहतगी पर मामला दर्ज किया गया। प्रदेश युवा कांग्रेस महासचिव ने पायल पर आरोप लगाए है कि "आपत्तिजनक सामग्री से देश की छवि धूमिल हुई, अश्लीलता और धार्मिक घृणा फैली तथा इसके अलावा एक महिला की छवि को नुकसान भी पहुंचा।"

तो दूसरी और पायल ने ट्विटर पर आरोप लगाते हुए कहा कि गांधी परिवार के दबाव के कारण राजस्थान के मुख्यमंत्री उनके खिलाफ काम कर रहे है। जानकारी दे दें कि पायल रोहतगी ने 6 सितंबर और 21 सितंबर 2019 को अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट से गांधी और नेहरू परिवार के खिलाफ कुछ आपत्तिजनक पोस्ट शेयर की थी जिसके कारण यह कार्यवाही की गई है।